अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बिहार ने राज्यव्यापी आंदोलन कर राज्य सरकार के विरुद्ध नाराजगी प्रगट की. अभाविप ने एसटीईटी परीक्षा रद्द होने पर काला दिवस के रूप में मनाया गया है. काला दिवस मनाते हुए हजारों छात्रो ने काली पट्टी बांधकर सरकार का विरोध किया.
प्रदेश मंत्री लक्ष्मी कुमारी ने कहा कि एसटीईटी की परीक्षा रद्द करने का निर्णय गलत है. राज्य के 2950 नये हाई स्कूल में 9वीं की पढ़ाई इस सेशन 2020 से ही शुरू करने का सरकार के द्वारा आदेश बिना शिक्षक बहाली के कैसे संभव हो सकता है? इसलिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मत है कि सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार करें. कोर्ट के निर्णय से पूर्व एसटीईटी परीक्षा रद्द किया जाना कोर्ट का अवमानना भी है. इस निर्णय से कई प्रश्न खड़े होते हैं की आखिर किन लोगों और पदाधिकारियों को लाभ पहुंचाने का प्रयास हो रहे हैं। बिहार की शिक्षा व्यवस्था -भ्रष्ट तंत्र के नतमस्तक हो गई है जिसका परिणाम है कि लाखों युवाओं के भविष्य की परवाह किये बिना ही परीक्षा रद्द करने का आत्मघाती निर्णय लिया गया आठ वर्षों के बाद एसटीईटी की परीक्षा आयोजित हुआ.